" प्यार क्या है"
" प्यार क्या है"
जहां इनायत हो,
तेरे मेरे दरमियां।
अल्हेदगी ना होकर,
तू और मैं नहीं, हम हो जाय।
जहां ना चाहत ना उम्मीद,
की कोई गुंजाइश हो।
सोचने की जरूरत नहीं,
कुछ समझने की ख्वाहिश नहीं।
जहां प्यार करना ना पड़े,
इश्क होना मुलाजिम हो।
जिसकी कोई भाषा नहीं,
वो खुद एक परिभाषा हो।
जिसका ना कोई ठिकाना नाही कोई मंजिल,
क्योंकि प्यार दोस्ती है,
उसके बिना तो कुछ-कुछ होता ही नहीं।
जुबान पर हो,
पर लब्ज़ों में नहीं।
किस्मत का किस्सा नहीं,
पर तकदीर का हिस्सा हो।
हाँ, बस यही है प्यार जो कभी बयां होता नहीं,
जिसकी कहानियाँ कभी खत्म होती नहीं।
~Rutika Garandwal( Instagram: @rutika_grandwal )
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