मानव और महामारी
इस दुनिया का सबसे बड़ा खलनायक खुद इस दुनिया को बनाने वाला ही है,लिहाजा वो कोई देवपुरुष तो हो नही सकता।यकीनन अब दुनिया की स्टेयरिंग किसी सनकी दैत्य के हाथ मे आ गई है. मानव सभ्यता की तारीखों के जर्द में ना जाने कितनी ही विनाश की पटकथा लिखी गई है।मानव को युध्दों से कभी खतरा नही रहा।युद्ध के मैदान तो मानव के शौर्य प्रदर्शन हेतु रंगमंच मात्र रहे है।मानव को सबसे अधिक खतरा इंसान की इंसान से जंग से नही अपितु इंसान की ईश्वर से जंग से रहा है।मानव ने जब-जब ईश्वर से इतर ही अपनी श्रेष्ठ सभ्यता स्थापित करने की चेष्टा की है तब तब ईश्वर ने उसे अपनी देव शक्तियों से नेस्तनाबूद करने की ठानी है. कोरोना वायरस कालचक्र की एक अक्षुण्ण मर्यादा है।2020 में इस कालचक्र का एक बार ठहर जाना आज से ठीक एक सदी पहले यानी कि 1930 में ही चित्रगुप्त के चिठ्ठों में काली स्याही से रंग दिया गया था।ये सब कुछ ईश्वर की घड़ी में अलार्म की तरह सेट की गई घंटी है।भूल केवल यहां हुई मानव इस घंटी के बजने से थोड़ा पहले नही जाग सका,और यकीन मानिए आज से ठीक एक सदी बाद यह कालचक्र फिर से मानव पर प्रहार करेगा।इसलिए आज ही इस सूचना को एक शिलालेख में गुदवा कर चीन के वुहान शहर के सबसे ऊंचे भूमंडल पर आने वाली संतति को सावधान करने हेतु स्थापित करवा देगा चाइए. गौर करिये....! 1720-प्लेग से मानव पर प्रहार हुआ।एक लाख से ज्यादा लोग काल के ग्रास बने. ठीक सौ साल बाद... 1830- कॉलरा महामारी।पूरे दक्षिण एशिया को नेस्तनाबूद करने की कोशिश. फिर सौ साल बाद कालचक्र रुका. 1930-स्पेनिश फ्लू। यह ईश्वर और मानव का सबसे बड़ा मुकाबला था।मगर सामने मानव था।पांच करोड़ से ज्यादा लाशें गिरी।मानव गिरा,सम्भला और फिर रफ्तार भरी. हर बार मुँह की खाने के बाद इस बार छापामार पद्वति से हमला किया गया।कालचक्र पूरा होने से ग्यारह वर्ष पहले 2009 स्वाइन फ्लू।छः लाख लोग फिर कफ़न से ढके गए।मानव निश्चिंत था,कि इस सदी का मुकाबला हो चुका है।मगर अबके नियति भी छल और कपट सीख चुकी थी. 2020-कोरोना। डरिए मत।यह हमारी ईश्वर से परम्परागत जंग है।हम फिर जीतेंगे. मानव सभ्यता इतिहास ईश्वर प्रदत्त व्यवस्थाओं को चुनोती देना रहा है।अगर मानव है तो चुनोती दीजिए, चुनोती लीजिए,मुकाबला करिए. ईश्वर ने ही हमारे लिए धरती का सृजन किया है।हम आपस मे लड़ेंगे,मरेंगे,तबाह होंगे, तबाह करेंगे,धरती को बनाएंगे,बिगाड़ेंगे।मगर हमारी अपनी व्यवस्था में ईश्वर का हस्तक्षेप स्वीकर नही करेंगे. आज फिर आपकी सभ्यता को किसी ईश्वर ने ललकारने की चेष्टा की है।बताइये की कोई कोरोना आपको नकारात्मक नही बना सकता।मानव को मिटा नही सकता।इस कोरोना के नरभक्षी जबड़ो को भी कोई वैक्सीन बनाकर फ्लू और कोड की तरह नेस्तनाबूद करो. हे!धरती पुत्रो,धरती पर मनुष्य की सत्ता सर्वोच्च रहनी चाहिए।ये धरती हमारी है,केवल मनुष्यो की किसी ईश्वर की नही. सकारात्मक रहिए,स्वस्थ रहिए! "वीर भोग्या वसुंधरा" ✍लोकेन्द्र