Furqat
मेहबूब का ख़त ए हाजत क़ासिद लाया ,
पढ़ता है “ खर्च होगया वो दिल जो तुमने था रखवाया"
मशियत ए जज़्बातों का बोहरान बताया ,
उनकी तंग हालि पर मुझे बेहद तरस आया ,
फ़ौरन ही मैंने लिफ़ाफा ए फुरकत में पैग़ाम ए आज़ादी भिजवाया !
@suvaibazaheen
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