Kavita~2
ना निभाना था तुझे और ना आना था तुझे,
बात यह थी तो ज़रा पहले बताना था तुझे,
की मोहब्बत का तमाशा ही अगर करना था,
तेरी ख्वाइश अगर यह थी तो बताना था तुझे,
जब बुलाया तुझे दे दे के आवाज़े जाना,
जब तो आई नहीं तो आज क्यूँ आना है तुझे,
ए बे- वफ़ा तू अगर बा- वफ़ा निकलती तो,
बहुत से राज़ थे हर राज़ बताना था तुझे,
तू मेरे साथ नहीं थी तू मुझ में बसती थी,
कि सताना था तुझे पहले बताना था तुझे,
ना मिला तुझको कोई और हीर का राँझा,
क्यूँ उदासी मेरे चेहरे पे ही आना था तुझे,
मैं अपने दिल को बना बैठा हूँ पत्थर जाना,
तुझे आना था तो यह पहले बताना था तुझे,
मैं फिर मिज़ाज बनाता तू छोड़ जाएगी,
तू छोड़ जाएगी यह पहले बताना था तुझे,
ना निभाना था तुझे और ना आना था तुझे,
बात यह थी तो ज़रा पहले बताना था तुझे।
~Ibad Ullah( Instagram : @shaikh_ibad18 )
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